क्या कॉम्प्रोमाइज से खुल पाएगी राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान?

क्या कॉम्प्रोमाइज से खुल पाएगी राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान?
  • वायनाड में राहुल गांधी की चुनावी रैली से एलायंस वाली मुस्लिम पार्टी के झंडे रहे गायब
  • एलायंस पार्टनर के झंडे से आरएसएस-बीजेपी 2019 के चुनाव में कांग्रेस को घेर रही थी
  • केरल में लेफ्ट पार्टी का कांग्रेस पर हमला, बीजेपी से डरती है कांग्रेस, वायनड से कैंडिडेट उतारा

रूरल आकाईव: भारत जोड़ो यात्रा के दौरान नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने की हुंकार भरने वालेराहुल गांधी क्यों चुनाव के दौरान सेफ प्ले के मोड में जा रहे हैं? वायनाड में तीन अप्रैल 2024 की उनकी मेगा रैली को समझने का प्रयास करें तो प्रतीत होता है कि राहुल गांधी बहुत कुछ सोचकर आगे बढ़ रहे हैं। एक बार फिर अमेठी की फैमिली सीट की बजाए वायनाड से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। 2019 के चुनाव में स्मृति ईरानी से अमेठी की सीट राहुल गांधी हार गए थे, लेकिन संसद का रास्ता केरल की मुस्लिम बहुल वायनाड सीट में मिले भारी जनसमर्थन से उनके लिए खुल गया। वहीं इस बार अलायंस पार्टनर के झंडे रैली में नहीं होने पर केरल की सत्ताधारी लेफ्ट पार्टी ने जोकि बाकी देश में इंडिया (इंडी अलायंस) में शामिल है ने कांग्रेस और राहुल गांधी की आलोचना की है। सीएम पिनारायी विजयन ने कहा कि भाजपा के डर से अलायंस वाली मुस्लिम पार्टी का झंडा राहुल गांधी की रैली में नहीं फहराया गया।

कांग्रेस एक बार फिर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के समर्थन के साथ वायनाड सीट पर चुनाव लड़ रही है। आईयूएमएल के झंडे का रंग हरा है और उसमें पाकिस्तान के झंडे की तरह चांद और तारा है। भारत की पॉलिटिकल पार्टी आईयूएमएल और पाकिस्तान के झंडे में फर्क यह है कि चांद और तारे की दिशा दोनों झंडों में विपरीत दिशा में है। मेनिपुलिशन कर फ्लैग पॉलिटिक्स खेले जा सकती है। यही फ्लैग पॉलिटिक्स आरएसएस और बीजेपी ने 2019 के चुनाव में खेली जब वायनाड में कांग्रेस की सभाओं, रैलियों में कांगेस के साथ ही आईयूएमएल के झंडे लहराए गए। बीजेपी की आईटी सेल ने पाकिस्तान जिंदाबाद वाला राग अपनाया, फेक न्यूज फैलाई गई कि कांग्रेस की रैलियों में पाकिस्तनी झंडे लहारा रहे हैं जबकि यह उनके अलायंस पार्टनर आईयूएमएल के झंडे थे।

तिरंगे गुब्बारों के साथ हुई राहुल गांधी की रैली
राहुल गांधी जोकि भारत जोड़ो और भारत न्याय यात्रा के दौरान मोहब्बत की दुकान का नारा दोहरा रहे थे ने वायनाड की मेगा रैली में आईयूएमएल और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के झंडे नहीं लहराने दिए। बल्कि केसरिया, हरे और सफेद रंग के गुब्बारों के साथ रैली की। यह तीन रंग कांग्रेस के झंडे से मेल खाते हैं ऐसे में पाकिस्तान वाले दुष्प्रचार से तो बच गए लेकिन, विरोधी कहां छोड़ने वाले थे। भाजपा ने इस बार डर का नैरेटिव सेट कर दिया। स्मृति ईरानी ने मुस्लिम लीग के झंडे राहुल गांधी की रैली में न होने पर कटाक्ष किया।

कब तक डरेंगे, कोई तो सीमा होगी : संजय सिंह
तीन अप्रैल को ही आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह करीब छह माह बाद जेल से बाहर आए। दिल्ली इक्साइज पॉलिसी स्कैम में अभियुक्त संजय सिंह ने जेल से बाहर आने पर भाजपा पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जेल में बिताए समय ने उन्हें गलत के खिलाफ खड़े होने के लिए और मजबूत किया है। हाल ही में रविश कुमार के यूट्यूब चैनल पर दिए इंटरव्यू में संजय सिंह ने कहा कि भाजपा का असल खेल डर पैदा करना है। इसी से निकलना होग। आखिर कब तक डरेंगे, कोई तो सीमा होगी। ईडी, सीबीआई के जरिए दो मुख्यमंत्रियों को जेल भेज दिया, पार्टियां तोड़ी जा रही हैं डरना बंद नहीं किया तो सब खत्म कर देंगे।

संजय सिंह ने जिस बगावती सुर में भाजपा को घेरा है यह जज्बा राहुल गांधी के वायनाड की चुनावी रैली में गायब दिखा। आखिर क्यों दुष्प्रचार से राहुल गांधी डर गए हैं? क्या चुनाव जीतने के लिए एक समुदाय विशेष से दूरी कांग्रेस बना लेगी। आईयूएमएल के झंडे रैली से नदारद होना बेशक चुनावी गेम हो लेकिन मुसलमानों के भीतर एक असहजता तो पैदा करता ही है। आखिर मोहब्बत की दुकान में मुसलमान शान से खरीदारी करना चाहेगा किसी की रहम पर नहीं।

svg

What do you think?

Show comments / Leave a comment

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *